जिला स्तर पर सम्मानित किया गया।

हनुमानगढ़ जिले में जरुआरत मंद बच्चो को पढ़ना व् खाना खिलाना और बच्चो के जीवन को बेहतर बनाने , समाज में बेहतरीन कार्य करने के कारन जिला स्तर पर सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया।
उज्जवल अनाथ आश्रम लूणकरणसर

उज्ज्वल अनाथ एवं वृद्ध आश्रम – मानवता की एक मिसाल
साल 2020 से, उज्ज्वल अनाथ एवं वृद्ध आश्रम समाज के उन लोगों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है, जो बेसहारा, मंदबुद्धि, मानसिक रूप से पीड़ित या अपने परिवार से बिछुड़ चुके हैं। इस संस्था की नींव श्री राजेश जी ने अपने परिवार के सहयोग से रखी, और तब से यह आश्रम सच्चे मन, सेवा-भावना और निस्वार्थ समर्पण के साथ कार्य कर रहा है।
उज्ज्वल अनाथ एवं वृद्ध आश्रम – मानवता की एक मिसाल


मानवता की एक मिसाल
साल 2019 से, उज्ज्वल अनाथ एवं वृद्ध आश्रम समाज के उन लोगों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है, जो बेसहारा, मंदबुद्धि, मानसिक रूप से पीड़ित या अपने परिवार से बिछुड़ चुके हैं। इस संस्था की नींव श्री राजेश जी ने अपने परिवार के सहयोग से रखी, और तब से यह आश्रम सच्चे मन, सेवा-भावना और निस्वार्थ समर्पण के साथ कार्य कर रहा है।
यहाँ रहने वाले हर व्यक्ति को सिर्फ सहारा ही नहीं, बल्कि एक परिवार, अपनापन और सम्मान भी मिलता है। राजेश जी और उनकी टीम का यह प्रयास रहा है कि जो भी व्यक्ति अपने परिवार से बिछुड़ गया हो, उसे दोबारा अपनों से मिलाया जाए। अब तक संस्था ने अनेक लोगों को उनके घरवालों से मिलवाकर उन्हें फिर से एक नई जिंदगी दी है।
हमारा उद्देश्य:
बेसहारा, मंदबुद्धि, और मानसिक रूप से पीड़ित लोगों की सेवा।
बिछुड़े लोगों को उनके परिवार से मिलवाना।
बुज़ुर्गों को सम्मानपूर्वक जीवन देना।
समाज में सेवा और सहयोग की भावना को बढ़ावा देना।
हमारी जरूरत: आप सभी के सहयोग से यह सेवा और भी व्यापक हो सकती है। यदि आप किसी बेसहारा व्यक्ति के बारे में जानते हैं, या इस नेक काम में मदद करना चाहते हैं—चाहे आर्थिक रूप से, समय देकर या किसी भी रूप में—तो हमसे संपर्क करें।
संपर्क करें: (आपका पता, फोन नंबर, सोशल मीडिया लिंक या वेबसाइट डाल सकते हैं यहाँ)
मन की उड़ान फाउंडेशन — जहाँ सपनों को पंख मिलते हैं
स्थापना वर्ष: 2019
संस्थापक: संदीप कालेरा और राकेश बसवाना
स्थान: रावतसर, हनुमानगढ़ (राजस्थान)
मिशन: भीख मांगने और कचरा बीनने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
हमारा सफर सड़कों और झुग्गियों से शुरू हुआ, जहाँ हमने उन बच्चों को पढ़ाना शुरू किया जिन्हें कोई स्कूल नहीं बुलाता था। किताबों, पेंसिल और प्यार के साथ हमने उन्हें नया रास्ता दिखाया।
अब तक की उपलब्धियाँ:
500+ बच्चों का जीवन बदला
फुटपाथ क्लासेस से लेकर क्लासरूम तक का सफर
खेल, योगा, आर्ट्स और सेलिब्रेशन जैसे सेशन भी शामिल
हमारे अभियान:
फ्री कोचिंग और स्पोर्ट्स क्लासेस
“पढ़ो और बढ़ो” अभियान
वस्त्र वितरण, स्टेशनरी और फूड ड्राइव्स
हम मानते हैं:
“हर बच्चा खास है, बस उसे एक मौका चाहिए उड़ने का।”
हम हैं राकेश बसवाना और संदीप कालेरा — दो दोस्त, एक सोच, और एक सपना: उन बच्चों को उड़ान देना, जिनके सपनों को गरीबी और लाचारी ने कैद कर रखा है।
साल 2019 में हमने मन की उड़ान फाउंडेशन की शुरुआत की। हमारा उद्देश्य था ऐसे बच्चों तक पहुँचना जो भीख मांगते हैं, कचरा बीनते हैं, और शिक्षा से दूर हैं। हमने सड़कों, झुग्गियों और फुटपाथों पर भटके हुए बचपन को किताबों से जोड़ा, ताकि उनका भविष्य बेहतर बन सके।
अब तक हम 500 से अधिक बच्चों का जीवन बदल चुके हैं — उन्हें शिक्षा, आशा और आत्मसम्मान दिया है। और यह काम आज भी पूरे जुनून और समर्पण के साथ जारी है।
मन की उड़ान केवल एक एनजीओ नहीं है — यह एक आंदोलन है, एक विश्वास है कि हर बच्चा उड़ सकता है, बस उसे एक मौका चाहिए।
मन की उड़ान फाउंडेशन
2019 में शुरू हुआ एक प्रयास — भीख मांगने और कचरा बीनने वाले बच्चों को शिक्षा देकर नई उड़ान देने का।
अब तक 500+ बच्चों की ज़िंदगी बदली।
संस्थापक: राकेश बसवाना और संदीप कालेरा
#शिक्षा_हर_बच्चे_का_अधिकार
“जहाँ मन हो उड़ान के लिए तैयार, वहाँ सपना भी सच होता है।”
“फुटपाथ क्लासरूम”: झुग्गियों और सड़कों पर बच्चों के लिए चलती क्लासेस।
“पढ़ो और बढ़ो अभियान”: बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलवाना और उन्हें जरूरी स्टेशनरी व यूनिफॉर्म देना।
“संडे लर्निंग सर्कल”: हर रविवार को विशेष गतिविधियों, खेल और लाइफ स्किल्स से भरपूर सत्र।

भोला की कहानी – एक नई उड़ान की शुरुआत
भोला, एक मासूम बच्चा, जो कभी सड़कों पर भीख मांगता था और कचरा बीनकर अपना पेट भरता था। उसका जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था—ना शिक्षा, ना सुरक्षा, और ना ही कोई सपने देखने की आज़ादी।
“मन की उड़ान फाउंडेशन” ने भोला की ज़िंदगी में उम्मीद की किरण बनकर प्रवेश किया। हमने न सिर्फ उसे शिक्षा से जोड़ा, बल्कि उसकी हर बुनियादी जरूरत—जैसे कपड़े, खाना, किताबें, और रहने की जगह—का भी पूरा ध्यान रखा।
आज भोला नियमित रूप से स्कूल जाता है, पढ़ाई में रूचि लेता है और एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ रहा है। उसका चेहरा अब मुस्कान से खिला रहता है, और उसकी आंखों में उज्ज्वल भविष्य के सपने हैं।
हमारा विश्वास है:
हर बच्चा उड़ान भर सकता है, बस उसे पंख देने की ज़रूरत होती है

मन की उड़ान फाउंडेशन (उज्ज्वल पाठशाला )





















